कई मर्ज की दवा है देसी गुलाब: वसे तो भारत में गुलाब की बहुत सारी प्रजातियां पाई जाती हैं। जिनमें से देसी गुलाब का फूल बहुत ही लाभदायक माना जाता है। यह केवल गुलाबी और लाल रंग की मनमोहक खुशबु में पाया जाता है। सर्दी का मौसम जैसे ही आता है तो गुलाब का पौधा प्रत्येक घर की शोभा को बढ़ाता है क्योंकि गर्मी की अपेक्षा यह सर्दी के मौसम में बहुत जल्दी बढ़ता है। इनकी जितनी ही देखभाल की जाए उतना ही ये महकेंगे।
देसी गुलाब की कलमें को सितम्बर के अंत में लगाई जाती है और यह अक्टूबर माह में तैयार भी हो जाती है। जैसे ही मौसम ठंडा होता है वैसे ही इनकी कलमों को लगाया जा सकता है। इनको लगाने के लिए मिट्टी में गोबर की खाद का प्रयोग सबसे अच्छा विकल्प मन जाता है।
गुलाब सौंदर्य प्रसाधन के रूप में तो लाभदायक माना ही जाता है, साथ ही यह देशी गुलाब सेहत का भी खजाना है। देशी गुलाब का उपयोग बहुत सारी बीमारियों को अशनी से ठीक करने के लिए किया जाता है|
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कई मर्ज की दवा है देसी गुलाब
- अगर आप की आंखों में जलन हो रही हो तो गुलाब जल से दिन में 2 से 3 बार आंखों में छिट्टे मारें।
- अगर आप का सिर दर्द कर रहा है तो गुलाब का तेल लगाने ते है तो आप को बहुत ही राहत मिलेगी है।
- आप के सरीर में पशीने की बदबू आरही है तो गुलाब का इत्र लगाने से आप का बदन महक उठता है।
- गुलाब के फूलों में भरपूर मात्रा में रेशे पाए जाते हैं इसलिए यह एक कब्ज नाशक होता है। पुरानी से पुरानी कब्ज जड़ से खत्म करने के लिए आप को आधा चम्मच सौंफ,4 मुनक्के, और 250 ग्राम गुलाब की पत्तियां एक गिलास पानी डालकर कुछ देर उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो इसे सर्दी में गर्म और गर्मी में ठंडा करके पीएं।
- 2 चम्मच गुलकंद रात को सोते समय गर्म दूध के साथ खाने से बड़ी से बड़ी कब्ज से आराम मिलता है।
- मुंह में छाले हो गए हो तो गुलकंद वाला पान खाने से बहुत जल्दी छाले ठीक हो जायेगे।
- गुलाब की पंखुड़ियों से पेस्ट बना कर चेहरे पर लगाने से चेहरे में निखार आता है।
- मुंह की बदबू को दूर करने के लिए कुछ भी खाने के बाद थोड़ा सा गुलकंद खाएं।
- सर्दी के मौसम में होंठ सुख जाते हैं और होंठ फट भी जाते हैं। ऐसे में गुलाब की पत्तिसयों को पीसकर इस का रस ग्लिअसरीन में मिला कर अपने होंठ पर लगाने से होंठ लाल और नरम और चमकदार हो जाते हैं।
- चेचक के रोगी के बिस्तरर पर अगर आप गुलाब की पंखुडियो का सूखा चूर्ण डालते है तो दानों के जख्मे ठंडक पा कर सूख जाते हैं।
- टीवी के रोगी को प्रतिदिन देशी गुलाब की पंखुड़ियों का सेवन जरूर करना चाहिए।
- पायरिया के रोगियों को प्रतिदिन गुलाब की पंखुड़ियां चबानी चाहिए। इससे रोग में लाभ के साथ-साथ में रोग के दांत भी मजबूत होते हैं।
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