Farmers News : भारत सरकार कृषि की तस्वीर बदलने के लिए एक नई महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है। अब देश के किसानों को सिंचाई के लिए पाइप लाइन के माध्यम से सीधे खेतों में पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य कृषि को मौसम की अनिश्चितताओं से मुक्त करना, पानी की बर्बादी को रोकना और उपज बढ़ाना है।
हर खेत में पानी, हर किसान को राहत
Farmers News :जल शक्ति मंत्रालय द्वारा तैयार की जा रही इस योजना को ‘हर घर जल “योजना की तर्ज पर विकसित किया गया है। लेकिन इस बार हर खेत में पानी पहुंचाने का लक्ष्य है। जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित है और इसका उद्देश्य किसानों के जीवन को आसान बनाना है। उन्होंने कहा, “किसान देश के अन्नदाता हैं। उसे समय पर और पर्याप्त पानी मिलना चाहिए ताकि वह बिना किसी रुकावट के खेती कर सके।
प्रौद्योगिकी सिंचाई की परंपरा को बदल देगी।
Farmers News : इस परियोजना में उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा। खेतों में बिछाई गई पाइपलाइन में स्मार्ट सेंसर लगाए जाएंगे, जो पानी की मात्रा की निगरानी करेंगे और रिसाव के बारे में तुरंत जानकारी देंगे। इससे पारदर्शिता और नियंत्रण दोनों सुनिश्चित होंगे। विश्व बैंक और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संस्थान इस योजना को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान कर रहे हैं। विश्व बैंक के विशेषज्ञ अजीत राधाकृष्णन के अनुसार, “सिंचाई को सूक्ष्म स्तर पर प्रबंधित करने की आवश्यकता है। यह योजना उस दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
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Farmers News अपव्यय कम होगा, उत्पादन बढ़ेगा।
पारंपरिक सिंचाई में बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद होता है। अपव्यय को नियंत्रित किया जाएगा क्योंकि पाइपलाइन से पानी सीधे खेतों में पहुंचता है। किसान अब बारिश पर निर्भर नहीं रहेंगे, जिससे सूखे के दिनों में भी खेती करना संभव हो जाएगा।
पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ, किसानों में उत्साह
Farmers News वर्तमान में यह योजना पायलट आधार पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में लागू की जा रही है। किसानों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। उन्होंने कहा, “अब हमें बोरवेल या नहरों से पानी भरने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह योजना पूरी तरह से मुफ्त नहीं होगी, लेकिन किसानों को सब्सिडी दी जाएगी जिससे उनकी लागत कम हो जाएगी।
इसे 2030 तक पूरे देश में लागू किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य 2030 तक देश भर के सभी किसानों को यह योजना उपलब्ध कराना है। हालाँकि ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में पाइपलाइन बिछाने में तकनीकी चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन मंत्रालय इससे निपटने के लिए विशेष तकनीकी दल और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू कर रहा है।
कृषि में एक नई क्रांति।
यह योजना न केवल जल की बचत सुनिश्चित करेगी बल्कि भूमि की उर्वरता और फसल उत्पादन में भी वृद्धि करेगी। यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो किसानों की आय दोगुनी करने और देश के खाद्य सुरक्षा लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।